अम्बा जी मंदिर के पास रहने वाले 83 साल के प्रहलाद जानी को लोग माता जी के नाम से भी पुकारते हैं. मां दुर्गा की आराधना करने वाले प्रहलाद जानी के बारे में यह प्रचलित है कि पिछले 76 वर्षों के दौरान न तो उन्होंने अन्न का एक दाना और न ही पानी की एक बूंद को मुंह में लिया है. 1940 से वे केवल ऑक्सीजन के बलबूते ही जिन्दा हैं.
7 साल की उम्र में आध्यात्म की तलाश में अपना घर त्याग चुके प्रहलाद जी का कहना है कि “उन्हें मां दुर्गा के तीनों रूप- मां लक्ष्मी, मां काली और मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त है, जिसकी वजह से उन्हें भूख कभी नहीं सताती”.
डॉक्टर भी कर चुके इस बात की जांच
कहने को तो यह एक अफ़वाह भी हो सकती है पर अहमदाबाद के Sterling Hospital के डॉक्टरों ने इसकी जांच के लिए प्रहलाद जानी को 24 घंटे 15 दिनों तक कैमरे की निगरानी में रखा, जिसके बाद भी उनमें भुखमरी या कमज़ोरी के कोई लक्षण नहीं नज़र आये.
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सुधीर शाह का कहना है कि “ध्यान और योग के कारण उनके शरीर ने खुद को इस रूप में ढाल लिया है, जिसके कारण वो इतने लम्बे समय से बिना कुछ खाए-पिए इतने स्वस्थ हैं”.
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